जलयोद्धा नरेश यादव का जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक का संघर्ष
भाई नरेश यादव का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नही है। गांव राताकलां में जन्मे श्री नरेश यादव ने मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद 1977 में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में प्रवेश लिया। कृषि विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव कराने के लिए वे 1984 में 9 दिन आमरण अनशन पर बैठे। जिसके परिणाम स्वरूप विश्वविद्यालय के प्रशासन को छात्र संघ के प्रत्यक्ष चुनाव कराने पडें। 1985 में H.A.U. विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये और छात्रों की सैकड़ों मांगों को पूरा करवाया। Nareshyadav.in
पिछले लगभग 30 वर्षों से आपके क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को उठा कर और आपकी आवाज बनकर प्रशासन से टक्कर लेने वाले ये जुझारू नेता नरेश यादव आज भी आपके हितों के लिए संघर्षरत हैं।
1986 में नरेश यादव को रेवाड़ी और महेन्द्रगढ़ क्षेत्र का युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया।
इस युवा और क्रांतिकारी नेता ने क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं को लेकर संघर्ष और आंदोलन
छेड़ दिया। क्षेत्र की मुख्य समस्या पानी की कमी के मुद्दे पर उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री
श्रीमती इंदिरा गांधी से भी मुलाकात की और उनसे समस्या के समाधान का आश्वासन लिया। 1988 में बिजली, पानी और पुलिस अत्याचारों के मुद्दे पर उन्होंने अटेली मंडी में जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस ने लाठी चार्ज किया तथा उनके साथियों को जेल में डाल दिया।
1989-1990 में संजय कॉलेज अटेली के सरकारीकरण की मांग को लेकर अटेली में आयोजित उपप्रधानमंत्री देवीलाल की रैली के समक्ष जब छात्रों ने नरेश यादव के नेतृत्व में मांग उठाई तो पुलिस ने छात्रों और आम जनता पर लाठीचार्ज कर दिया गया। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल फैल गया पुलिस ने बिना सोचे समझे लोगो को बेरहमी से पीटा और उस समय की सरकार ने सैकड़ों छात्रों, प्रोफेसरों को और यह तक की कॉलेज के प्रिंसिपल को भी जेल में डाल दिया।
पूरे अहीरवाल में नरेश यादव ने आंदोलन चलाकर तत्कालीन सरकार को झुकाया और सभी गिरफ्तार छात्रों और शिक्षकों को जेल से रिहा करवाया और उन पर बनाए गए झूठे मुकदमों को वापस कराया।
1991 में महेन्द्रगढ़ से लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुये लेकिन हार गए। इसके बावजूद उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष और आंदोलन जारी रखा और इसके लिए युवा किसान संघर्ष समिति का गठन किया। जून 1994 में उन्होंने किसानों की विशाल रैली का आयोजन किया।
दक्षिणी हरियाणा की मुख्य समस्या नहरी पानी की मांग को लेकर नवम्बर 2000 में उन्होंने नांगल चौधरी से अधिकार पद यात्रा शुरू की और दिल्ली के राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया। 2001 में नारनौल के ऐतिहासिक मैदान में उन्होंने फिर विशाल रैली की।
जलयौद्धा के नाम से मशहूर हो चुके इस युवा नेता ने कुछ सांसदों के सहयोग से दक्षिणी हरियाणा की समस्याओं को संसद में उठवाया।
हजारों समर्थकों के साथ नरेश यादव ने रथ यात्रा निकाली और प्यासी धरती चुप न रहेगी, अपना हक लेकर रहेगी, के नारों के साथ दिल्ली में जंतर मंतर पहुंच गये और राष्ट्रपति को इस उम्मीद के साथ ज्ञापन दिया कि केन्द्र सरकार अवश्य ही समस्या का समाधान करेगी।
2005 में नरेश यादव ने अटेली से विधानसभा चुनाव लड़ा और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भारी बहुमत से विजय प्राप्त करके विधायक बने। विधानसभा में उन्होंने दक्षिणी हरियाणा के हिस्से का नहरी पानी, सतलुज यमुना सम्पर्क नहर (एस.वाई.एल.) का निर्माण पूरा करने का मुद्दा, मैडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, सैनिक स्कूल, भर्ती दफ्तर, अटेली में आधुनिक अस्पताल, विश्वविद्यालय खोलने का मुद्दा और रोजगार के मामले में दक्षिणी हरियाणा के साथ हो रहे भेदभाव के मुद्दे को उठाया।
2007 में नरेश यादव ने किसानों की फसल को पाले से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शन कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। श्री नरेश यादव ने अपने आप को और समाज की सेवा के लिए समर्पित कर दिया लेकिन वे राजनीति की कूठनीति वाली चालों को समझ न सके। 2011 में हिसार जाट आरक्षण आंदोलन में आहत एस पी सुभाष यादव पर जब मुक दमा दर्ज किया गया तो उन्होंने बड़ी पंचायत बुला कर इसका विरोध किया और न्याय दिलवाया। 2012-13 में कांटी खेड़ी से अटेली चौक तक पैदल यात्रा कर सडक़ों पर लेट कर सडक़ा का काम शुरू करवाया।
नरेश यादव की जेल यात्राऐं
श्री नरेश यादव को अनेक बार जेल जाना पड़ा। छात्र आंदोलन के समय उन्हें और उनके 40 साथियों को 31 दिनों के लिए बुडैल जेल में डाल दिया गया। अपने 9 वर्षाे के कालेज के समय में उन्होंने कई छात्र आंदोलन किये और पुलिस की लाठियां खाई।
1987 में उन्हें दो महीनें जेल में गुजारने पड़े। 1994 में किसान आंदोलन के दौरान नरेश यादव और उनके साथियों को महेन्द्रगढ़ की जेल में डाल दिया गया। 1997 में महेन्द्रगढ़ के विश्राम गृह में बैठक कर रहे नरेश यादव और उनके साथियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और थाने ले गई। बाद में झूठा मुकदमा बना कर 59 दिनों तक रोहतक जेल में डाल दिया।
2002 में चौटाला सरकार के समय बिजली पानी के मुद्दे पर प्रदर्शन करने पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और उन्हें तथा उनके साथियों को जेल में डाल दिया। जेल में उन्होंने 9 दिनों तक आमरण अनशन किया। 1 जुलाई 2002 में जमानत पर रिहा होने के बाद नरेश यादव ने अटेली मंडी में एक विशाल जनसभा की और कहा कि वे भय और दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
17 फरवरी 2008 को अटेली मण्डी में हकीकत रैली कर नरेश यादव ने मुख्यमंत्री से अहीरवाल क्षेत्र में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना कराई। विधायक होते हुए पानी और अन्य मुद्दों को लेकर 1 नवम्बर से 14 नवम्बर 2008 तक गोदबलावा से राष्ट्रपति भवन दिल्ली तक पदयात्रा कर जंतर-मंतर पर गिरफ्तारी दी और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा।
विधायक बनकर नरेश यादव ने बदली गांवों की तस्वीर
नरेश यादव एक निर्दलीय विधायक थे। इसके बावजूद इन्होंने विधानसभा के प्रत्येक सूत्र में पुरजोर तरीके से दक्षिणी हरियाणा क्षेत्र की सभी प्रमुख आधारभूत व मौलिक समस्याओं को उठाया। क्षेत्र के अन्य विधायकों द्वारा क्षेत्र के विकास मुद्दों पर चुप्पी साध लेने के कारण नरेश यादव ने देश की संसद में कुछ मुद्दों को उठाने का निश्चय किया जिसके फलस्वरूप कुछ प्रसिद्ध सांसदों ने नरेश यादव के आग्रह पर स्पेशल इकोनॉमिक जोन की स्थापना का मुद्दा एसवाईएल नहर का निर्माण का मुद्दा, सूखा राहत की मांग व पानी का मुद्दा संसद में उठाए।
संसद में दक्षिणी हरियाणा की समस्याओं को पहली बार अपनी प्रयासों से उठवाया था। जिसके फलस्वरूप केन्द्र सरकार को स्पेशल इकोनॉमिक जोन की स्थापना के सम्बंध में इस नीति की घोषणा करनी पड़ी कि किसानों की उपजाऊ भूमि को सेज के लिए अधिग्रहित न कराया जाए।
- विधानसभा में मजबूती में अपना पक्ष रखकर व अटेली में हकीकत रैली करके जिला महेन्द्रगढ़ में केन्द्रीय विश्वविद्यालय व सैनिक स्कूल खुलवाया।
- सुजापुर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना।
- विधानसभा में आवाज उठाकर क्षेत्र की सभी सडक़ों को चौड़ा व ठीक कराया जो दोबारा मरम्मत न कराई जाने के कारण जर्जर हालत में हैं।
- केन्द्रीय विश्वविद्यालय, नहरी पानी, एसवाईएल एवं बिजली की मांग विधानसभा के हर सत्र में जोर-शोर से उठाई।
- अटेली व नांगल चौधरी महाविद्यालयों में एमए व विज्ञान की कक्षाएं शुरू कराई। दोनों महाविद्यालयों की पुरानी इमारतों की मरम्मत कराकर नए कमरों के निर्माण के लिए 60 लाख रूपए मंजूर कराए।
- शेखपुरा, धरसू, लहरौदा, बजाड़, भीलवाड़ा, खामपुरा, मोहनपुर, खैरानी, मित्रपुरा व गुवानी आदि गांवों में प्राइमरी स्कलों को मिडल बनवाया। इसी प्रकार ताजपुर, नावदी, तथा खोड़ गांव के मिडल स्कूलों को हाईस्कूल का दर्जा दिलाया। गांव सिरोही, बिहाली, कुंजपुरा, पटेकरा, कमानिया, मिर्जापुर, बाछौद व राताकलां के हाईस्कूल को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के रूप में कर्मोन्नत कराया।
- भूमि अधिग्रहण व कर्जा होने पर भी किसानों का मालिकाना हक कायम रखने की मांग विधायक के रूप में नरेश यादव ने विधानसभा में जोर-शोर से उठाकर सरकार को मांग मानने पर मजबूर किया।
- विधानसभा में लड़ाई लडक़र सभी गांवों में पुराने खम्बे व जर्जर तारों को बदलवाया। इसके साथ ही अटेली मंडी में 125 करोड़ की लागत से 25 एमवीए, महासर 10 एमवीए, कांटी में 10 एमवीए व भोजावास में सब स्टेशन पर बड़ी क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित कराए। बजाड़, शोभापुर, भीलवाड़ा, भुंगारका, लहरौदा में 33 केवी व सेका गांव में 30 करोड़ की लागत में 132 केवी का पावर हाऊस बनवाया।
- अटेली मंडी में 50 बिस्तरों का अस्पताल बनवाया। वहीं दूसरी ओर तिगरा, सराय बहादुर, छापड़ा बीबीपुर, सिरोही बहाली, नांगल चौधरी व राताकलां में नए पशु अस्पताल बनवाए।
- क्षेत्र के गांवों में 400 से ज्यादा नए पानी के बोर कराए। वहीं सभी गांवों के पेयजल समाधान के लिए पानी की टंकिया बनवाई गई। इसके साथ ही गांवों की गलियां व फिरनियों को पक्का कराया।
- अटेली विधानसभा क्षेत्र के नए एवं पुराने परिसीमन के सभी गांवों में हरिजन चौपालों की मरम्मत कराई।
- क्षेत्र के सभी गांवों में आंगनवाड़ी केन्द्र सामुदायिक केन्द्र व पंचायत घर बनवाए। इसके अलावा करीब 60 गांवों में नहरों से जोहड़ तक पाइप लाईन बिछवाई।
- अटेली में बीडीपीओ कार्यालय परिसर में नए उप तहसील भवन का निर्माण 30 लाख रूपए की लागत से कराया। वहीं अटेली मंडी में 25 लाख की लागत से कम्युनिटी सेंटर बनवाया। विकास के लिए लगभग 2.5 करोड़ रूपए लगवाए और करोड़ों रूपए सीवर लाइन के लिए मंजूर कराए।
- पूर्ववर्ती चौटाला सरकार ने अटेली और कनीना नगरपालिकाओं को भंग कर के पंचायत का दर्जा दे दिया था। नरेश यादव ने इस मुद्दें को लेकर लोगों को साथ लेकर सडक़ों पर आंदोलन किया और 2005 में विधायक बनते ही विधानसभा के पहले सत्र में ही अटेली व कनीना की नगरपालिका को बहाल कराया।
श्री नरेश यादव आज भी तन-मन से प्रदेश और समाज की सेवा कर रहे हैं। जो भी क्षेत्रवासी अपनी समस्या लेकर आता है, वे पूरी तरह से उसकी सहायता को तत्पर रहते हैं।
जनता की आवाज बनी कानून
सामाजिक सरोकार की गंभीर घटनाओं को लेकर श्री नरेश यादव इतने संवेदनशील हो जाते हैं कि वे पीडि़त की दास्तान सुनते हैं और तुरंत सहायता कार्य में जुट जाते है।
ऐसी ही एक घटना अटेली मंडी में एक नाबालिक 9 वर्षीय बच्ची के साथ हुए बलात्कार और हत्या की है। चार दरिंदों ने बच्ची को अगवा कर उसके साथ बलात्कार किया और बाद में उसकी हत्या करके शव को झाडिय़ों में फेंक दिया। पुलिस राजनैतिक संरक्षण की वजह से मामले को दबाने में लगी रही और बच्ची के शव को रात को उसके पैतृक गांव राजस्थान भेज दिया। श्री नरेश यादव पुलिस की नाकामी के विरोध में अनशन पर बैठ गए। दूसरे दिन क्षेत्र के हजारों लोग अटेली में सडक़ और रेल लाईन पर जमा हो गए। पुलिस बच्ची के शव वापिस लेकर आई और अपराधियों को चंद घंटों में गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। जिला उपायुक्त ने लडक़ी की माँ को सरकारी नौकरी देने का आश्वसन दिया। लोगों का धरना तो समाप्त हो गया लेकिन श्री नरेश यादव का अनशन तीन दिन तक जारी रहा।
श्री नरेश यादव के प्रयासों और लोगों की जागरूकता का परिणाम यह निकला कि 2014 की घटना सिलसिले में अदालत ने दरिदों को फांसी की सजा सुनाई। श्री नरेश यादव ने कहा कि जो मुद्दा अटेली से उठा था, जिस पर न्यायपालिका ने फांसी की सजा सुनाई। उसे ध्यान में रखते हुए पहले हरियाणा सरकार ने फिर भारत सरकार ने कानून बना दिया है कि अब 12 साल से कम उम्र की लडक़ी के साथ बलात्कार के मामले में कम से कम सजा फांसी ही होगी। अब महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने भी इस फैसले को स्वीकृति दे दी है।
इसी तरह की एक ओर घटना अटेली क्षेत्र के खोड़ गांव में एक 75 वर्षीय महिला के साथ हुए बलात्कार की है। एक रिटार्यड कमांडो ने यह कुकर्म किया। गांव का सरपंच और दूसरे लोग इसे बचाने में लग गए। गांव की महिलाओं ने नरेश यादव को फोन किया, वे गांव पहुंचे और गांव के लोगो के साथ पैदल जाकर थाने पर प्रदर्शन और घेराव किया। श्री नरेश यादव अनशन पर बैठ गए और बड़ी संख्या में महिलाऐं भी उनके साथ अनशन पर बैठ गई। तब कहीं जाकर पुलिस ने अपराधी को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
हाल ही में रेवाड़ी बलात्कार कांड पर रेवाड़ी पहुंचकर पीडि़ता के परिजनों को ढांढस बंधाया। कैंडल मार्च में शामिल होकर बलात्कारी भेडिय़ों को गिरफ्तार करने की मांग और साथ ही पीडि़ता को 50 लाख रूपये निर्भया राहत कोष से देने की मांग की और पीडि़ता को उपचार के बाद सरकारी नौकरी दें।
श्री नरेश यादव ने आए दिन चोरी व डकैती की घटनाओं तथा कानून व व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की है। एक घटना में लुटेरे बाघोत के भागेश्वरी धाम से सोने का सर्प और तिजोरी लूट कर ले गए। एक और घटना पूर्व डीजीपी के घर डकैती की है। डकैत डीजीपी और उनकी पत्नी को बंधक बनाकर लूट कर ले गए। एक घटना बिहाली गांव में किसान के खेत में गुंडे ने महिला किसान और उसके बेटे को गोली मार दी।
श्री नरेश यादव ने कहा कि दिनों दिन चोरी, गुंडागर्दी, लूट और रंगदारी की घटनाऐं बढ़ रही है। इसके लिए जहाँ एक और कानून व व्यवस्था के तहत कड़ी कार्यवाही हो। वहीं दूसरी ओर लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए जन आंदोलन की भी आवश्यकता है।
2014 में अटेली में हुए जिया हत्याकांड के विरोध में अनशन किया और 2 साल निरंतर संघर्ष कर के बलात्कारियों दरिंदों एवं मासूम जिया के हत्यारों को फांसी की सजा दिलवाई। 2016 में जब हरियाणा प्रदेश जल रहा था जाट आरक्षण आंदोलन की आड़ में बेगुनाहों की हत्या, लूटमार आगजनी की घटनाओं को देखते हुए नरेश यादव ने फिर से कांग्रेस अध्यक्षता सोनिया गांधी से मुलाकात की ओर राज्य में हो रहे उपद्रव दंगो की जानकारी दी। सोनिया जी ने भाई नरेश यादव की कांगे्रस में ग्रहवापसी की और आने वाले यूपी चुनाव की तैयारी के लिए पहले राजीव गांधी संदेश यात्रा का प्रभारी नियुक्त किया और कानपुर, दंहात और हरदोई जिलों का AICC Observer बनाकर भेज दिया जब से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
6 महीनें लगातार यूपी में कार्य किया। राहुल जी की सफल जनसभा करवाई। नोटबंदी के खिलाफ कानपुर में जबरदस्त प्रदर्शन किया व ज्ञापन सौंपा। चंड़ीगढ़ क्रक्चढ्ढ बैंक का घेराव किया और पुलिस द्वारा की गई जबरदस्त पानी की बौछारों के बीच में डटे रहें और अखबारों के फरंट पेज पर भी नरेश यादव ही दिखाई दिए।
2017 में किसान लाठी रैली कर किसानों की खेतों में सुरक्षा हो और ढाणियों व खेतों में रहने वाले किसानों को बिजली मिले इसकी मांग जोर-शोर से उठाई और बिहाली गोली कांड जिसमें एक महिला और पुरूष किसान के सिर में गोली मारने वाले डकैतों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की और इलाके में हो रही अन्य चोरी डकैती, रंगदारी, गुंडागर्दी के खिलाफ जमकर आवाज उठाई हाल ही में जुलाई 2018 में महामहीम गर्वनर को ज्ञापन सौंप कर इलाके में हो रही चोरी, डकैती करने वाले अपरोधियों को शिकंजा कसने की मांग की।
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Interview with Naresh Yadav
I have been a Member of The Congress Party since my Youth and as an Independent MLA, I have been supporting Congress Party throughout.
I have an NGO under which I and my colleagues “Haryana Yuva Kissan Kalyan Parishad” have been highlighting Water Problems in Haryana.
I am Considered to be a dynamic local Ahir Leader with a large following in the Community. I am supported by the full cross section of population in the extended Constituency. My role to highlight the issue of Water has given me a Special respect and place in the hearts of the people. I am associated with a number of Social Organizations, engaged in the noble cause like- Blood Donation, Free Legal Aid to Poor, Distribution of Sports kit to students and getting financial help to the downtrodden, weaker sections and destitute. I hail from an educated family and made a name for myself as a proactive person. As an MLA, I have raised issues in the Assembly and got positive response from Haryana Government with special attention from the Hon’able Chief Minister-Shri Bhupinder Singh Hooda Ji with whom I have developed a special bond in the last 5 years even as an Independent MLA.
In the last 5 years, I have done commendable work in the Assembly and has been covered by the national and the local Press with hundred of news items on me.
I along with thousands of farmers of Southern Haryana organised “Hakikat Rally” on 17 Feb 2008 at Ateli to commend Smt. Sonia Gandhi, Chairperson UPA and the then Chief Minister Shri Bhupinder Singh Hooda for retaining the rights of farmers ownership whenever Land was acquired by any one for SEZ where the CM Shri Bhupinder Singh was the Chief Guest and Shri Phool Chand Mulana, PCC President Haryana Presided.
It will not be out of place to say that I am considered to be an active MLA in Haryana and my Constituency. I have hundreds of development jobs undertaken in the Constituency to my credit. There is not even a single village where development works have not been undertaken during my tenure. This is a record. Even after being denied the congress ticket in 2009 assembly election in Haryana I supported Smt. Shruti Chaudhary, Deependra Hooda, Shri Jitendra Singh (Respectively from Bhiwani, Mohendragarh, Rohtak and Alwar) in 2009 & 2014 Lok Sabha Elections.
(Naresh Yadav)